कभी कभी गर्भाशय या बच्चेदानी का मुँह छोटा होता है , कभी कभी बच्चे का शरीर ही बड़ा होता है और नार्मल डिलीवरी होना कठिन है ऐसा अंदाजा आ जाता है।
चाहे कितना भी समझाओ ,फिर भी मरीज़ और उसके रिश्तेदार नार्मल डिलीवरी की ही तरफ झुके रहते हैं
यह डिलीवरी इतनी कष्टमय और उलझी हुई हो सकती है कि औरत के शरीर के नीचे का भाग पूरा फट सकता है।
डिलीवरी के लिए चिमटा या वैक्युम लगाना पड़ सकता है
बहुत सारे टाँके आ सकते हैं।
पेशाब की नलकी या संडास की जगह को नुक्सान हो सकता है।
बच्चे के सिर को चोट पहुँच सकती है
आप ही बतायें , क्या इस प्रकार की डिलीवरी नार्मल है ?
या सिर्फ नीचे से हुई चीर फाड़।
क्या सुरक्षित सेज़रीन डिलीवरी करना , माँ और बच्चे दोनों के लिए बेहतर नहीं होगा ?
By
Dr Himani Gupta
Gynaecologist & Obstetrician
Director-
Mother ‘n’ Care Clinic &
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